श्वसन (Respiration)

 

श्वसन (Respiration)

 


जीवों में कोशिकीय (Cellular) स्तर पर ऑक्सीजन की उपस्थिति में भोजन के जैविक कमीकरण (Oxidation) की क्रिया श्वसन कहलाती है। जैविक क्रियाओं में संचालन के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

 

. श्वसन के समय मुक्त ऊर्जा एडिनोसीन ट्राइफॉस्फेट (ATP) के रूप में परिवर्तित होकर रासायनिक ऊर्जा के रूप में संचित हो जाती है।

 

खाद्य अणुओं में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) का ऑक्सीजन की उपस्थिति में ऑक्सीकरण (Oxidation) होने से ऊर्जा (Energy) विमुक्त होती है। इस प्रक्रिया में ग्लूकोज का उपयोग किया जाता है, इसीलिए ग्लूकोज को कोशिकीय ईंधन (Cellular Fuel) भी कहा जाता है।

 

मनुष्य में श्वसन दर लगभग 12-15 बार प्रति मिनट होती है। सामान्य श्वसन के दौरान लगभग 1500 मिली. वायु फेफड़ों में प्रत्येक श्वसन चक्र में ग्रहण की जाती है। इसे फेफड़ों की कार्यात्मक अवशेष सामर्थ्य (Functional Residual Capacity) कहते हैं।

श्वसन की प्रक्रिया (Process of Respiration)

श्वसन एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है जिसके फलस्वरूप ऑक्सीजन की उपस्थिति में खाद्य पदार्थों के ऑक्सीकरण होने पर ATP के रूप में ऊर्जा, जल (H, O) एवं कार्बन डाईऑक्साइड (CO) का निर्माण होता है।

 

. श्वसन की प्रक्रिया में ऊर्जा का रासायनिक रूप ATP के रूप में संग्रहित कर लिया जाता है, जबकि कार्बन डाइऑक्साइड को वातावरण में मुक्त कर दिया जाता है।

 

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