Kidney (वृक्क) क्या है?
- प्रत्येक मनुष्य में दो वृक्क होते हैं। यह स्पाइन (Spine) के दाँये बाँये पसलियों के नीचे व उदर (Belly) के पीछे स्थित होता है। बाँया वृक्क, दाँये वृक्क की अपेक्षा थोड़ा ऊपर स्थित होता है। यह रुधिर से उत्सर्जी पदार्थों को हटाने एवं रुधिर में उपयोगी पदार्थों की पर्याप्त मात्रा बनाये रखने हेतु अनुकूलित होते हैं
- Kidney ki आकृति राजमा के समान होती है। सामान्यतः एक वृक्क की लंबाई 10 सेमी., चौड़ाई 5 सेमी. व मोटाई 3 सेमी होती है। एक वयस्क व्यक्ति में इसका भार लगभग 120-170 ग्राम होता है। प्रत्येक वृक्क गहरे भूरे एवं लाल रंग के तंतुमय संयोजी ऊतकों से घिरा रहता है। https://www.blogger.com/u/0/blog/post/edit/4592902480963207203/6547872622632080979
- वृक्क के चारों ओर एक झिल्लीनुमा आवरण पाया जाता है, जिसे पेरिटोनियम (Peritoneum) कहते हैं। प्रत्येक वृक्क एक खोल से घिरा होता है, जिसे वृक्क खोल (Renal Capsule) कहते हैं। वृक्क की भीतरी सतह अवतल (Concave) होती है जिसमें एक अनुदैर्ध्य छिद्र होता है, जिसे हाइलम (वृक्कीय हाइलम) कहते हैं। इससे होकर वृक्कीय धमनी व तंत्रिकाएँ प्रवेश करती हैं, तथा वृक्कीय शिरा और मूत्र नलिका बाहर निकलती है।
- वृक्क दो भागों में विभाजित होते हैं।
1.वल्कुट (Cortex) बाहरी गहरा भाग
2.मेडुला (Medulla) आन्तरिक हल्का मध्यांश भाग
• वृक्क का बाह्यतम भाग, वृक्क खोल के नीचे थोड़े पतले या सँकरे (Thin or Narrow) रूप में होता हैं, जिसे वल्कुट कहते हैं और आन्तरिक भाग मेडुला कहलाता है। मेडुला छोटे-छोटे शंक्वाकार भागों में विभाजित होता है, जो पिरामिड्स (Pyramids) कहलाते हैं। प्रत्येक पिरामिड का मोटा भाग इसका आधारी (Basal) भाग होता है। वृक्क के पिरामिड्स का कोटर में उभरा हुआ शंक्वाकार भाग वृक्क अंकुर (Renal Papilla) कहलाता है।
- वृक्क में पथरी (Kidney Stone) क्यों होता हैं?
यूरिक अम्ल (Uric acid). कैल्शियम ऑक्जलेट (Calcium Oxalate) तथा कैल्शियम फॉस्फेट (Calcium Phosphate) के कारण बनती है।
Nice
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